जब हम भारत के प्राचीन इतिहास की बात करते हैं, तो यह केवल तारीखों और राजाओं की सूची नहीं है। यह हमारी पहचान, संस्कृति, परंपराएं और सोच की जड़ है। हम सबने कभी न कभी इतिहास पढ़ा है, लेकिन क्या आप सच में जानते हैं कि प्राचीन भारत का महत्व आज के समय में कितना गहरा है? आइए, हम और आप मिलकर इस विषय की गहराई में उतरते हैं।
सिंधु घाटी
प्राचीन भारतीय इतिहास : एक संक्षिप्त लेकिन सम्पूर्ण परिचय
प्राचीन भारतीय इतिहास का परिचय
हमारा इतिहास एक अत्यंत समृद्ध और विस्तृत परंपरा को समेटे हुए है, जिसमें हम सबकी प्रारंभिक सभ्यता से लेकर शक्तिशाली साम्राज्यों के उदय और पतन तक की कहानी समाई हुई है। अपना इतिहास विभिन्न कालखंडों में विभाजित है, जो सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और धार्मिक परिवर्तनों के साक्षी रहे हैं। हमारी सभ्यता का विकास लाखों वर्षों में हुआ, जिसमें हम सब ने शिकार से कृषि की तरफ, गांवों से नगरों की तरफ और जन से राज्य की तरफ लंबी यात्रा तय की है।
प्रागैतिहासिक काल (2 मिलियन ई.पू. – 1500 ई.पू.)
प्रागैतिहासिक काल वह युग है, जब हमने लेखन का विकास नहीं किया था। यह काल मुख्यतः चार चरणों में विभाजित है-
पुरापाषाण काल, मध्यपाषाण काल, नवपाषाण काल, और ताम्रपाषाण काल।