प्राचीन भारतीय इतिहास : एक संक्षिप्त लेकिन सम्पूर्ण परिचय

प्राचीन भारतीय इतिहास का दृश्य जिसमें सिंधु घाटी, अशोक स्तंभ और वैदिक संस्कृति के प्रतीक दिखाए गए हैं।

प्राचीन भारतीय इतिहास का परिचय

हमारा इतिहास एक अत्यंत समृद्ध और विस्तृत परंपरा को समेटे हुए है, जिसमें हम सबकी  प्रारंभिक सभ्यता से लेकर शक्तिशाली साम्राज्यों के उदय और पतन तक की कहानी समाई हुई है। अपना इतिहास विभिन्न कालखंडों में विभाजित है, जो सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और धार्मिक परिवर्तनों के साक्षी रहे हैं। हमारी सभ्यता का विकास लाखों वर्षों में हुआ, जिसमें हम सब ने शिकार से कृषि की तरफ, गांवों से नगरों की तरफ और जन से राज्य की तरफ लंबी यात्रा तय की है।


प्रागैतिहासिक काल (2 मिलियन ई.पू. – 1500 ई.पू.)

प्रागैतिहासिक काल वह युग है, जब हमने लेखन का विकास नहीं किया था। यह काल मुख्यतः चार चरणों में विभाजित है-
पुरापाषाण कालमध्यपाषाण कालनवपाषाण काल, और ताम्रपाषाण काल

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ब्रिटिश और भारतीय दृष्टिकोण से इतिहास का अध्ययन

भारतीय इतिहास का काल-विभाजन — प्राचीन, मध्यकालीन और आधुनिक काल की समय-रेखा (Timeline)

भारत का इतिहास एक सहज लेकिन गहराई से समझने वाला –

भारतीय इतिहास का वर्गीकरण– हमारे भारत देश का इतिहास बेहद विस्तृत और जटिल है, लेकिन इसे समझने  और लोगों को समझाने के लिए इतिहासकारों ने इसे तीन प्रमुख कालखंडों में बाँटा है-

1. प्राचीन इतिहास

2. मध्यकालीन इतिहास

3. आधुनिक इतिहास

अब आप सोच रहे होंगे कि – इतिहास तो एक ही है, फिर इसमें ये अलग-अलग नामों और कालों की ज़रूरत क्यों पड़ी? क्या कोई ऐसा बिंदु था जहाँ कुछ ऐसा बदला, कि हमें कहना पड़ा  “अब यह मध्यकाल है”,  या  “अब आधुनिक युग शुरू हो गया है” ।

इसका उत्तर जानने के लिए हमें थोड़ी देर के लिए इतिहास के अध्यापन और लेखन की प्रक्रिया को समझना होगा।


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इतिहास और कालक्रम: एक खास और प्रभावशाली परिचय

इतिहास की समयरेखा जिसमें B.C., A.D., ग्रेगोरियन कैलेंडर और भारतीय पंचांग के माध्यम से मानव विकास को दर्शाया गया है।

सोचो, आज हम 2025 में जी रहे हैं। लेकिन क्या इसका मतलब ये है कि इतिहास भी सिर्फ 2025 साल ही पुराना है??? 🤔

नहीं न! ये सिर्फ एक कालक्रम का point है, एक data है जो हमें बताता है कि ईसा मसीह के जन्म के बाद 2025 साल हो गए हैं। तो उसके पहले का क्या ??

अब अगर हम archaeological evidence देखें, तो हमें ऐसी ऐसी चीजें मिलती हैं जो  2000 साल, 5000 साल, यहां तक कि 2 लाख साल पहले की मानव सभ्यता और उनके बिकास, उनके रहन-सहन की कहानी बताते हैं। 

मतलब कि, 2025 सिर्फ एक रजिस्ट्रेशन नंबर की तरह है (असली गाड़ी तो बहुत पहले से चल रही थी।)

 यही जानकारी है कालक्रम —  समय को समझने का तरीका 


2025– एक समय या बस डेटा?

तो मान लो 2025 एक data है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि सब कुछ यहीं से शुरू हुआ। इसके पीछे भी काफी  चीजें हुई है जो हमारे इतिहास का हिस्सा है।

अगर कोई कहे कि अभी 2025 चल रहा है, तो हमें ये समझना चाहिए कि ये सिर्फ ईसा मसीह के जन्म से गिने गए सालों की गिनती (ईशा मसीह का जन्म •, 1, 2, 3,….. . 2025)  है। सही मायने में तो इंसान की कहानी इससे कहीं ज्यादा पुरानी है।


अब बात करते हैं कैलेंडर की –अखिर कौन तय करता है कालक्रम?

1. ग्रेगोरियन कैलेंडर-

आज जो हम सब जनवरी, फरवरी, मार्च… ऐसे 12 महीने देखते हैं, वो इसी कैलेंडर से आते हैं।

 इसमें साल की शुरुआत जनवरी से होती है और दिसंबर पर खत्म होती है।

यह कैलेंडर ईसा मसीह के जन्म के हिसाब से चलता है।

  यानी A.D. = Anno Domini (ईसा के बाद),

  और B.C. = Before Christ (ईसा से पहले)।

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